المصحف المرتل للمقرئ مالك شيبة
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كان إله الحب الصغير مستلقيا ذات يوم وقد غلبه النوم، | |
وكانت إلى جانبه شعلته التي تضرم نار الهوى في القلوب، | |
بينما كثير من الحوريات اللاتي أقسمن على الاحتفاظ بحياتهن الطاهرة | |
يعبرن في قدومهن من جانبه، لكن اليد العذرءا | |
. | |
لأجمل واحدة منهن، التقطت تلك الشعلة | |
التي عقدت بالدفء كثيرا من روابط القلوب المخلصة؛ | |
هكذا كان أمير الرغبات الساخنة | |
مستغرقا في النوم عندما جردته اليد العذراء من سلاحه. | |
. | |
وأطفأتْ تلك الشعلة في أحد الآبار الباردة المجاورة، | |
فاتخذ البئر من نار الحب حرارة أبدية، | |
وصار حماماً ونبعاً شافياً | |
للبشر المصابين. ولما كنت عبدا لحبيبتي، | |
. | |
فقد ذهبت هناك أطلب الشفاء، وهذه هي الحقيقة التي وجدتها: | |
نار الحب تجعل الماء ساخنا، لكن الماء لا يجعل الحب باردا. | |
* | |
ترجمة: بدر توفيق | |
CLIV | |
The little Love-god lying once asleep, | |
Laid by his side his heart-inflaming brand, | |
Whilst many nymphs that vowed chaste life to keep | |
Came tripping by; but in her maiden hand | |
The fairest votary took up that fire | |
Which many legions of true hearts had warmed; | |
And so the General of hot desire | |
Was, sleeping, by a virgin hand disarmed. | |
This brand she quenched in a cool well by, | |
Which from Love's fire took heat perpetual, | |
Growing a bath and healthful remedy, | |
For men diseased; but I, my mistress' thrall, | |
Came there for cure and this by that I prove, | |
Love's fire heats water, water cools not love |
رَكَنَ كوبيد شعلته الغرامية إلى جواره وراح في سبات عميق: | |
ورأت إحدى عرائس ديانا في هذا الوضع فرصتها المواتية | |
فاستلبته ناره التي تضرم الحب، وأسرعت بغمسها | |
في ماء الينبوع البارد الذي يتدفق في الوادي بتلك البقعة من الأرض؛ | |
. | |
اقتبس الينبوع من نار الحب المقدسة، التي حملتها الشعلة | |
حرارة الوجود وحيويته اللانهائية، التي مازالت باقية للآن، | |
أصبح النبع ساخنا، يستحم الناس فيه حتى يومنا هذا | |
ملتمسين العلاج الفعال ضد الأمراض الغريبة | |
. | |
لكن شعلة الحب اتقدت مجددا بالنار، عندما نظرت محبوبتي إليها، | |
ومن باب التجربة لمس كيوبيد صدري؛ | |
فإذا بي، وقد صرت عليلا، أَنْشُدُ العون في النبع الشافي | |
واتجهت خطاي إلى هناك، ضيفاً حزيناً محموماً، | |
. | |
لكنني لم أجد هناك أيّ شفاء: فالنبع الذي يمكن أن يسعفني | |
يوجد حيث حصل كيوبيد على النار الجديدة، عينا حبيبتي | |
* | |
ترجمة: بدر توفيق | |
CLIII | |
Cupid laid by his brand and fell asleep: | |
A maid of Dian's this advantage found, | |
And his love-kindling fire did quickly steep | |
In a cold valley-fountain of that ground; | |
Which borrowed from this holy fire of Love, | |
A dateless lively heat, still to endure, | |
And grew a seething bath, which yet men prove | |
Against strange maladies a sovereign cure. | |
But at my mistress' eye Love's brand new-fired, | |
The boy for trial needs would touch my breast; | |
I, sick withal, the help of bath desired, | |
And thither hied, a sad distempered guest, | |
But found no cure, the bath for my help lies | |
Where Cupid got new fire; my mistress' eyes |
تعرفين أنني من أجل حبك خنت عهود زواجي، | |
أما أنت فخائنة مرتين، إذ تقسمين بحبك لي؛ | |
فأنت تنكثين بعهد زواجك، كما تمزقين عهدك الجديد بالاخلاص | |
عندما تؤكدين كرهك لي بعد اندفاعنا للحب من جديد. | |
. | |
ولكن لماذا أدينك لأنك تحنثين بالقسم مرتين | |
بينما حنثت أنا عشرين مرة؟ إني أنا الأكثر خيانة للعهد، | |
لأن كل ما أقسمت به لم يكن إلا خداعاً لك. | |
وكل إيماني الصادق بك صار ضائعاً؛ | |
. | |
لأنني أقسمت اليمين العظمى بحنانك العميق، | |
أقسمت بحبك، أقسمت بصدقك، أقسمت بوفائك؛ | |
ولكي أجعلك الضوء المشع، أسلمت عيني للعمى، | |
كيلا تقسمان بشيء عكس ما ترى؛ | |
. | |
لأنني أقسمت أنك أنت الجميلة: لشد ما أنا كاذب سفيه، | |
إذ أقسم ضد الحقيقة، بهذا الكذب الكريه. | |
* | |
ترجمة: بدر توفيق | |
CLII | |
In loving thee thou know'st I am forsworn, | |
But thou art twice forsworn, to me love swearing; | |
In act thy bed-vow broke, and new faith torn, | |
In vowing new hate after new love bearing: | |
But why of two oaths' breach do I accuse thee, | |
When I break twenty? I am perjured most; | |
For all my vows are oaths but to misuse thee, | |
And all my honest faith in thee is lost: | |
For I have sworn deep oaths of thy deep kindness, | |
Oaths of thy love, thy truth, thy constancy; | |
And, to enlighten thee, gave eyes to blindness, | |
Or made them swear against the thing they see; | |
For I have sworn thee fair; more perjured eye, | |
To swear against the truth so foul a lie |
الحب صغير جدا على معرفة معنى الوعي | |
ومع هذا، فمن ذا الذي لا يعرف أن الوعي وليد الحب؟ | |
لا تحشدي التهم ضدي، إذن، أيتها المخادعة الرقيقة | |
كيلا يثبت أن المدان في أخطائي هو ذاتك الجميلة. | |
. | |
لأنك، عندما تخدعينني، فإنني أخدعُ | |
أكثر أعضائي نبلا بالخيانة العظمى لجسدي بأكمله؛ | |
تقول روحي لجسدي إن الواجب عليه | |
أن ينتصر في الحب، والجسد لا ينتظر مزيدا من التعليل، | |
. | |
لكنه يهب فور ما يطرح اسمك ويشير إليك بالتحديد | |
لأنك أنت غُنْم انتظاره، منفوشاً بهذي الكبرياء، | |
وهو مقتنع بأن يكون البائس الكادح من أجلك، | |
منتصبا في شئونك، مُنْطرحاً إلى جانبك. | |
. | |
لا تعتبروني لست واعيا بما فيه الكفاية حين أدعوها "حبيبتي" | |
تلك التي في حبها الغالي أسمو وأسقط. | |
* | |
ترجمة: بدر توفيق | |
CLI | |
Love is too young to know what conscience is, | |
Yet who knows not conscience is born of love? | |
Then, gentle cheater, urge not my amiss, | |
Lest guilty of my faults thy sweet self prove: | |
For, thou betraying me, I do betray | |
My nobler part to my gross body's treason; | |
My soul doth tell my body that he may | |
Triumph in love; flesh stays no farther reason, | |
But rising at thy name doth point out thee, | |
As his triumphant prize. Proud of this pride, | |
He is contented thy poor drudge to be, | |
To stand in thy affairs, fall by thy side. | |
No want of conscience hold it that I call | |
Her love, for whose dear love I rise and fall |
من أي طاقة خفية ملكت هذي السلطة القوية | |
لتحكمي قلبي بما فيك من نقصان؟ | |
ولتجعليني أُكذّبُ ما أراه في الحقيقة | |
وأقسم أن الضوء لا يُجَمِّلُ النهار؟ | |
. | |
كيف تأتت لك قدرة إضفاء الحسن على الأشياء السقيمة، | |
ففي أشد حالات الرفض لما تفعلين | |
هناك نوع من القوة وضمانة من المهارة | |
تجعلني أرى أسوأ ما لديك يفوق أعظم شيء سواه؟ | |
. | |
من الذي علمك الوسيلة التي تجعلني أزداد حباً لك | |
كلما زاد ما أسمعه وما أراه من الأسباب التي تدعو إلى كراهيتك؟ | |
آه، رغم أنني أحب ما يكرهه الآخرون، | |
عليك ألا تكرهيني مثلما هم يفعلون. | |
. | |
إذا كانت تفاهتك هي التي دفعتني إلى حبك، | |
فما أشد جدارتي لأكون محظياً بغرامك! | |
* | |
ترجمة: بدر توفيق | |
CL | |
O! from what power hast thou this powerful might, | |
With insufficiency my heart to sway? | |
To make me give the lie to my true sight, | |
And swear that brightness doth not grace the day? | |
Whence hast thou this becoming of things ill, | |
That in the very refuse of thy deeds | |
There is such strength and warrantise of skill, | |
That, in my mind, thy worst all best exceeds? | |
Who taught thee how to make me love thee more, | |
The more I hear and see just cause of hate? | |
O! though I love what others do abhor, | |
With others thou shouldst not abhor my state: | |
If thy unworthiness raised love in me, | |
More worthy I to be beloved of thee |
هل تستطيعين القول، أيتها القاسية، أنني لا أحبك | |
حين أكون ضد نفسي منحازاً إلى جانبك؟ | |
ألم أكن أفكر فيك، عندما نسيتُ | |
كل شيء يخصني تماماً، من أجلك أنت؟ | |
. | |
من ذا الذي يكرهك وأدعوه رغم هذا صديقي؟ | |
وهل أتودد إلى من تقطبين في وجهه؟ | |
لا، فلو قطبت بوجهي أنا، أفلا أعمل | |
على الانتقام من نفسي بما أعانيه الآن؟ | |
. | |
ما هي الفضيلة التي أحترمها في نفسي | |
والتي تعتز بنفسها إلى درجة الترفع عن خدمتك | |
بينما أفضل ما عندي يُقدس نقائصك | |
مُسَيراً بالإشارة التي تصدر من عينيك؟ | |
. | |
واصلي إذن، أيتها الحبيبة، كرهك لي، لأني أعرف الآن أفكارك | |
أنت تحبين أولئك الذين يستطيعون الرؤية، وأنا رجل أعمى. | |
* | |
ترجمة: بدر توفيق | |
CXLIX | |
Canst thou, O cruel! say I love thee not, | |
When I against myself with thee partake? | |
Do I not think on thee, when I forgot | |
Am of my self, all tyrant, for thy sake? | |
Who hateth thee that I do call my friend, | |
On whom frown'st thou that I do fawn upon, | |
Nay, if thou lour'st on me, do I not spend | |
Revenge upon myself with present moan? | |
What merit do I in my self respect, | |
That is so proud thy service to despise, | |
When all my best doth worship thy defect, | |
Commanded by the motion of thine eyes? | |
But, love, hate on, for now I know thy mind, | |
Those that can see thou lov'st, and I am blind |
واهاً لي، أي عيون وضعها الحب في رأسي، | |
تلك التي لا تتواصل مع النظر الصحيح؛ | |
وإذا ما كانت ترى، فأين اختفت قدرتي على الحكم السليم، | |
حتى أصبحت أخطئ في الحكم على الشيء الصحيح الذي تراه العيون؟ | |
. | |
فإذا ما كانت جميلة، تلك التي شُغِفَتْ بها عيناي المخطئتان، | |
فما الذي يعنيه قول الدنيا عنها أنها ليست كذلك؟ | |
فإن لم تكن هكذا، فسوف يشير الحب جيداً إلى ذلك | |
لأن عين المحب ليست صادقة تماما فيما يراه الجميع على نحو آخر. | |
. | |
كيف يكون هذا؟ كيف تكون عين المحب صادقة، | |
وهي متأثرة إلى أبعد حد بإطالة النظر وبالدموع؟ | |
فلا عجب إذن لو أخطأتُ فيما أرى: | |
فالشمس نفسها لا تُرى جيداً إلا بعدما تصفو السماء. | |
. | |
أيها الحب الماكر، أبقيتني بالدمع في هذا العمى، | |
كيلا ترى عيناي، إن صحّ النظر، أخطاءك الآثمة. | |
* | |
ترجمة: بدر توفيق | |
CXLVIII | |
O me! what eyes hath Love put in my head, | |
Which have no correspondence with true sight; | |
Or, if they have, where is my judgment fled, | |
That censures falsely what they see aright? | |
If that be fair whereon my false eyes dote, | |
What means the world to say it is not so? | |
If it be not, then love doth well denote | |
Love's eye is not so true as all men's: no, | |
How can it? O! how can Love's eye be true, | |
That is so vexed with watching and with tears? | |
No marvel then, though I mistake my view; | |
The sun itself sees not, till heaven clears. | |
O cunning Love! with tears thou keep'st me blind, | |
Lest eyes well-seeing thy foul faults should find |
حبي يشبه الحُمى التي تشتاق دائما | |
لذلك الذي يغذي المرض لفترة أطول، | |
طاعما من ذلك الذي يحفظ المرض، | |
الرغبة المريضة التي لا تثق في قدرتها على تحقيق النشوة | |
. | |
عقلي، الطبيب الذي يباشر حبي؛ | |
غاضب لأن توصياته لم تكن موضع الالتزام، | |
لقد تركني ومضى، وها أنا الآن في يأسي أحاول أن أثبت | |
أن الرغبة التي ترفض علاج العقل تؤدي إلى الموت | |
. | |
لقد تخطيتُ فرصة الشفاء، وأصبح العقل الآن بعيداً عن الحرص، | |
أكاد أجن بهذا القلق الذي يتزايد دائماً؛ | |
صرت كالرجال المجانين في أفكاري وفي أحاديثي، | |
أعبر عن الحقيقة عشوائياً وبطريقة عبثيه: | |
. | |
لأنني أقسمت أنك رائعة ، واعتقدت أنك ساطعة، | |
بينما أنت سوداء كالجحيم، مظلمة كالليل. | |
* | |
ترجمة: بدر توفيق | |
CXLVII | |
My love is as a fever longing still, | |
For that which longer nurseth the disease; | |
Feeding on that which doth preserve the ill, | |
The uncertain sickly appetite to please. | |
My reason, the physician to my love, | |
Angry that his prescriptions are not kept, | |
Hath left me, and I desperate now approve | |
Desire is death, which physic did except. | |
Past cure I am, now Reason is past care, | |
And frantic-mad with evermore unrest; | |
My thoughts and my discourse as madmen's are, | |
At random from the truth vainly expressed; | |
For I have sworn thee fair, and thought thee bright, | |
Who art as black as hell, as dark as night |
أيتها الروح البائسة ، يا مركز تربتي الآثمة، | |
أيتها المخدوعة بهذي القوى المضطرمة التي تتلبسك، | |
لماذا يصيبك الهزال داخلها، وتعانين الجفاف، | |
وتنمقين حوائطك الخارجية بهذا المرح الباهظ؟ | |
. | |
فرصة الحياة بالغة القصر، فلماذا كل هذا الثمن البالغ الكبر، | |
تنفقينه على هذا المنزل الغارب؟ | |
هل سيقوم الدود، وارث هذي القوى الوافرة، | |
بالتهام هذي الوديعة التي تحملينها في جنبيك؟ أهذه نهاية جسدك؟ | |
. | |
عيشي إذن أيتها الروح على فقدان خادمك، | |
ودعي ذلك التلاشي يزيد ما تختزنين؛ | |
إكسبي العهود الخالدة، بالتخلي عن الساعات الزائلة؛ | |
كوني مُشْبَعَةً في داخلك، ولا تضيفي للمظهر الخارجي مزيدا من الغنى: | |
. | |
بذلك سوف تتغذين على الموت، الذي يتغذى على حياة الناس، | |
لو أن الموت ذات يوم مات، فلن يكون هناك موت مرة أخرى. | |
* | |
ترجمة: بدر توفيق | |
CXLVI | |
Poor soul, the centre of my sinful earth, | |
( ??? ) these rebel powers that thee array, | |
Why dost thou pine within and suffer dearth, | |
Painting thy outward walls so costly gay? | |
Why so large cost, having so short a lease, | |
Dost thou upon thy fading mansion spend? | |
Shall worms, inheritors of this excess, | |
Eat up thy charge? Is this thy body's end? | |
Then soul, live thou upon thy servant's loss, | |
And let that pine to aggravate thy store; | |
Buy terms divine in selling hours of dross; | |
Within be fed, without be rich no more: | |
So shall thou feed on Death, that feeds on men, | |
And Death once dead, there's no more dying then |